क्या है DRDO का सीक्रेट प्रोजेक्ट दुर्गा 2 | भारतीय नेवी को मिलेगी उत्तम AESA रडार युक्त डोर्नियर-228 पैट्रोल एयरक्राफ्ट | कौन सा फाइटर जेट INS विक्रांत के डेक से भरेगा उड़ान ?

एचएएल ने डोर्नियर-228 के लिए उत्तम एयरबोर्न मैरीटाइम पैट्रोल रडार पर काम शुरू किया

कानपुर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड HAL की सब्सिडियरी कंपनी, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट डिवीजन ने माइनर मॉडिफिकेशनस्स के साथ नया टेंडर जारी किया है जिसमें, लोकली डेवलप एयरबोर्न मैरीटाइम पैट्रोल रडार को डोर्नियर 228 एयरक्राफ्ट में इंटीग्रेट किया जाना है जो कि उत्तम AESA एयरबोर्न फायर कंट्रोल रडार तकनीक पर आधारित है जिन्हें फाइटर जेट्स में इस्तेमाल किया जाता है।

डोर्नियर 228 से 200 सीरीज की वैरिएंट वर्तमान में इंडियन कोस्ट गार्ड और इंडियन नेवी के साथ सेवा में हैं, जिनका इस्तेमाल समुद्री निगरानी के लिए किया जाता है, ये ELTA ELM-2022 राडार से सुसज्जित हैं जिसे एक इजरायली कंपनी सप्लाई करती है।

डोर्नियर 228 के समुद्री वैरिएंट का इस्तेमाल समुद्री निगरानी और गश्त लगाने, मेरीटाइम लॉ एन्फोर्समेंट, मछुवारों पर नज़र रखनें, खोज बचाव और सहायता पहुचानें, एयर-टू-एयर सर्विलांस, एयर-टू-ग्राउंड इंटेलिजेंस, टोही और निगरानी मिशंस में किया जायेगा।

DRDO ने एयरबस C295 ट्रांसपोर्टर को मल्टी-मिशन मैरीटाइम एयरक्राफ्ट के रूप में डेवलप करने का भी प्रपोजल दिया है जिसमें तीन स्ट्रेटेजिक कंसोल यानि AESA रडार, दुश्मन और दोस्त की पहचान करने के लिए एक इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल / इन्फ्रारेड सेंसर, और समुद्री मिशंस को अंजाम देने में इस्तेमाल होने वाले दूसरे अन्य उपकरण भी लगाये जायेंगे जो भारत की समुद्री सुरक्षा को पहले से भी ज्यादा मज़बूत करेंगे । 

DRDO ज़मीन, हवा और समुद्री हमलों को अंजाम देने के लिए DURGA II लेजर हथियार को कर रहा है डेवलप जिनसे चीन और पाकिस्तान भी नहीं बच पायेंगे

हाल ही में DRDO की एक सीक्रेट प्रोजेक्ट का पता चला है, जिसका नाम है    दुर्गा-II, जिसके तहत भारतीय सेना को 100-किलोवाट, लाइटवेट डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टम मिलेगी। DURGA II प्रोजेक्ट अभी कांसेप्चुवल स्टेज में ही है, इस पर अभी कोई ठोस काम स्टार्ट नहीं हुआ है। DRDO डिफेंसिव और ओफेनसिव इस्तेमाल के लिए सॉलिड स्टेट, फाइबर और केमिकल लेसरों का यूज़ करके अलग अलग तरह के लेजर टेक्नोलॉजी को डेवलप और इम्प्रूव कर रहा है, दुर्गा-ii को सी, लैंड, और एरियल प्लेटफार्म में इंटीग्रेट किया जायेगा।

दिल्ली में लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर लेजर वेपन्स को डेवलप करने की लीडिंग लेबोरेटरी है। इस सेंटर ने अब तक 25 किलोवॉट का लेजर बनाया है जो टर्मिनल फेज के दौरान मैक्सिमम 5 किलोमीटर की दूरी पर बैलिस्टिक मिसाइल को निशाना बना सकता है।

लगभग दो दशक पहले 2000 के दशक की शुरुआत में, DURGA प्रोजेक्ट की नीव राखी गयी थी। 2017 में, DRDO ने चित्रदुर्ग टेस्ट सेंटर में ट्रक बेस्ड 1KW लेजर वेपन का टेस्ट किया था। इस लेजर वेपन ने 250 मीटर दूर के टारगेट को मार गिराया था। तब के रक्षा मंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में यह लेजर टेस्ट किया गया था।

अब बात करते हैं कौन सा फाइटर जेट INS विक्रांत के डेक से उड़ान भरेगा ? - HAL TEDBF, फ्रेंच रफाल या अमेरिकी F-18 सुपर होर्नेट

करंट सिचुएशन को देखते हुए, भारतीय फाइटर जेट्स विदेशी फाइटर्स जैसे राफेल और सुपर हॉर्नेट को कड़ी टक्कर दे सकते हैं क्योंकि नौसेना पहले से ही एक ट्विन इंजन वाले फाइटर जेट की तलाश में है। आईएनएस विक्रांत शुरू में मौजूदा रूसी डेवलप्ड मिग-29K फुलक्रम फाइटर जेट से लैस होगा, हालांकि, आगे चलकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डेवलप्ड TEDBF फाइटर जेट्स नौसेना में शामिल किए जाने पर मिग-29K की जगह लेंगे जो फ़िलहाल अभी अंडरडेवलपमेंट हैं।

ट्विन-इंजन, कैरियर-बेस्ड, मल्टीरोल TEDBF फाइटर तेजस फाइटर जेट का एक कैनार्ड ट्विन-इंजन संस्करण है। राफेल और सुपर हॉर्नेट से अलग, जो दोनों 4.5 जनरेशन के फाइटर जेट हैं, भारत का अपकमिंग स्वदेशी TEDBF फाइटर एयरक्राफ्ट 5th जनरेशन का होगा। TEDBF फाइटर के पास हाई थ्रस्ट और पेलोड कैपेसिटी होगी, जो फ्रांसीसी डसॉल्ट राफल्स के टक्कर का होगा।

TEDBF फाइटर जेट्स Mach 1.6 की स्पीड यानि 1975 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उडान भरेगा, जिसकी लंबाई 16.2 मीटर यानि 53 फीट होगी, जो वास्तव में एक सच्चा तगड़ा मल्टी-रोल फाइटर होगा।

TEDBF कॉम्बैट एयर पट्रोल, इंटरसेप्सन, जमीनी हमला, समुद्री हमले, टोही मिशंस, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और बड्डी-रिफुएलिंग में भी सक्षम होगा। यह फाइटर जेट अपने इंटरनल वेपन-बे की वजह से कुछ हल्का होगा और इसमें एडवांस्ड शॉर्ट-रेंज एयर-टू-एयर ASRAM और एस्ट्रा बियोंड-विजुअल-रेंज BVR एयर-टू-एयर मिसाइल भी अटैच किये जा सकेंगें।

यह रुद्रम-1 और रुद्रम-2 एंटी-रेडिएशन मिसाइलों को ले जाने में भी कैपेबल होगा। ये सभी फीचर्स HAL TEDBF को एक भविष्य का फाइटर जेट बनाते हैं जो INS विक्रांत के लिए सबसे ज्यादा सूटेबल होगा।

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