भारत की सीमाओं की रक्षा करेंगे इज़राइली एलबिट ड्रोन
इज़राइली डिफेन्स इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी, एलबिट सिस्टम्स हर्मीस
900 ने टैक्टिकल ड्रोन सप्लाई करने के लिए $ 300 मिलियन का डील साइन किया है जिसमें मेंटेनेंस और सपोर्ट
वर्क भी शामिल है।
हर्मीस 900 एक इज़राइली मीडियम साइज, मल्टी-पेलोड, मीडियम-आल्टीट्युड
यानि कम ऊंचाई पर उडने वाला, वाला लंबे समय तक उडान भरने में कैपेबल मानव रहित एरियल
व्हीकल यूएवी है, जो टोही मिशन, निगरानी और कम्युनिकेशन
रिले जैसे टैक्टिकल मिशनों के लिए बनाया गया है।
30 घंटे से भी ज्यादा समय तक उड़ने की कैपेबिलिटी वाले इस यूएवी में 15 मीटर की विंगस्पेन साइज़ है और यह 30,000 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ सकता है, यह 300 किलोग्राम तक के पेलोड को ले जा सकता है, जिसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल / इंफ्रारेड सेंसर, सिंथेटिक-एपर्चर रडार / ग्राउंड-मूविंग टारगेट इंडिकेशन, कम्युनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और हाइपर-स्पेक्ट्रल सेंसर लैस हैं।
हर्मीस 900 को 10 से भी ज्यादा देशों को सफलतापूर्वक एक्सपोर्ट
किया गया है वहीँ इजरायली फोर्सेज ने इसे पहली बार 2014 इस्तेमाल किया था जब एक
आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करने के लिये फाइटर जेट्स के साथ इस ड्रोन का
इस्तेमाल किया गया था।
ऑपरेशन के दौरान ड्रोन के मेंटेनेंस का ज़िम्मा एल्बिट को ही
सौंपा गया था क्योंकि इंडियन एयरफोर्स की ग्राउंड टीमों को
मेंटेनेंस वर्क में अभी उतनी एक्सपर्टीस हासिल नहीं है, इसलिए मिशन
स्टेशनों में एलबिट के ही एम्प्लोयीस ने कॉम्बैट ऑपरेशनस्स को गाइड किया था।
हर्मीस 900 को आधिकारिक तौर पर 11 नवंबर 2015 में भारतीय
वायुसेना के साथ ऑपरेशनल लाइनअप के लिए इंट्रोड्यूस किया गया था। 2018 में, भारत में अडानी एलबिट अनमैन्ड एरियल व्हीकल कॉम्प्लेक्स
का उद्घाटन किया गया है, जो भारत में अपनी तरह का
पहला और इज़राइल के बाहर पहली ऐसी कंपनी बन गयी है जो हर्मीस 900 यूएवी का निर्माण
करेगी।
मोदी सरकार के ये फैसले चीन और पाकिस्तान पर लगाम लगाने के लिये बेहद जरुरी हैं, ऐसे ही एग्रेसिव स्टांस की वजह से चीन भारत के सामने झुकने पर मजबूर हुआ।
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