'स्मेलिकॉप्टर' क्या है और वैज्ञानिक इसे मंगल पर क्यों भेजना चाहते हैं ?
वैज्ञानिकों की एक टीम ने स्मेलिकॉप्टर नाम का
एक यूनिक ऑटोनोमस ड्रोन डेवेलप किया है जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक मंगल पर गंध का
पता लगाने के लिए कर सकते हैं।
बायोइनपिरेशन एंड बायोमेटिक्स जर्नल में पब्लिश्ड
एक स्टडी के अनुसार, स्मेलिकॉप्टर हवा में ट्रेवल करने के दौरान
बाधाओं को सेंस करके उनसे बच सकता है। इसमें गंध को सेंस करके नेविगेट करने के लिए
लाइव एंटीना लैस है। लाइव का मतलब यहाँ किसी इलेक्ट्रॉनिक एंटीने से नहीं बल्कि
कीट पतंगे से एक्सट्रेक्ट किये गए एंटीने से है।
जिस कारण से कीटों को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना
गया है, वह इस कारण है कि ये कीट अपने एंटीने का इस्तेमाल करके आसपास
के वातावरण में केमिकल को सेंस करके खाने के सोर्स या अन्य पतंगों की दिशा में
नेविगेट करने की काबिलियत रखतें हैं।
यह ड्रोन आकार में छोटा है
और यह उन जगहों में भी आसानी से ट्रेवल करने की क्षमता रखता है, जहां इन्सान या
बडे ड्रोन, रोबोट्स नहीं जा सकते। स्मेलिकॉप्टर खतरनाक से खतरनाक टास्क को अंजाम
दे सकता है जिसमें ज्यवालामुखी के करीब जाना, अनस्टेबल स्ट्रक्चर या प्राकृतिक
आपदा के बाद उस जगह तक पहुंचना शामिल है। यहाँ तक कि यह खतनाक हथियारों और बमों के
करीब भी जा सकतें हैं जहाँ इंसानों का जाना जानलेवा साबित हो सकता है।
रिसर्चर द्वारा केमिकल्स को हवा में सूँघकर खतरनाक
परिस्थितियों में उडान भरने की क्षमता पर काम चल रहा है ताकि इस ड्रोन का इस्तेमाल
आपदा से बचे लोगों, विस्फोटक, गैस लीक जैसे स्थानों को ट्रेस
करने के लिये किया जा सके।
भविष्य में इस ड्रोन का इस्तेमाल मंगल ग्रह पर
भी किया जा सकेगा, हालाकिं यह कीट मोथ एंटीना मंगल ग्रह के वातावरण में कैसे
रियेक्ट करेगा यह अभी साफ नहीं है, लेकिन अगर यह ड्रोन मंगल पर सरवाइव कर गया, तो यह वहाँ भी केमिकल्स
को सूँघ कर नेविगेट कर पायेगा।
जहाँ एक तरफ आर्टिफीसियल सेंसर हवा में मँडराते
समय गंध के बेस पर ट्रेवल करने या गंध वाले पौधों की पहचान करने, प्रक्रिया करने
और उनका पीछा करने के लिए संवेदनशील या तेज़ नहीं होते हैं वहीँ दूसरी तरफ प्राकृतिक
सेंसर पोर्टेबल आर्टिफीसियल सेंसर की तुलना में गंध का पता लगाने में बेहतर होते हैं,
मॉथ एंटीना छोटे, हल्के, कम पॉवर का इस्तेमाल करने
वाले साथ ही आर्टिफीसियल सेंसर की तुलना में बेहद संवेदनशील होते हैं।