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भारतीय नौसेना को मिलने वाली है खतरनाक सबमरीन सुपर कलवरी SMX 3.0 | 5TH और 6TH जनरेशन स्टेल्थ फाइटर्स के डेवलपमेंट के लिए भारत को क्यों जरुरत है प्राइवेट सेक्टर की? | चीन को लग सकता है एक और झटका फ्रांस ज्वाइन कर सकता है इंडियन ओसियन इनिशिएटिव

भारतीय नौसेना को मिलने वाली है खतरनाक सबमरीन सुपर कलवरी SMX 3.0

भारतीय नौसेना जल्द ही अपने बेड़े में खतरनाक सुपर कलवरी, डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन को शामिल करने वाली है जिसमें एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम मॉड्यूल लैस हैं, और साथ ही इसके 4-सेल वाली वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल में 8 मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है जिसमें ब्रह्मोस SLCM मिसाइल  और निर्भय सब-सोनिक क्रूज़ मिसाइल शामिल हैं।

कलवरी क्लास सबमरीन की कुल लंबाई 66.4 मीटर है, लेकिन दो एक्स्ट्रा मॉड्यूल के जोड़े जाने के साथ, सुपर कलवरी की कुल लंबाई 100 मीटर से भी ज्यादा होगी, इसमें 3000 टन से भी ज्यादा की डिस्प्लेसमेंट कैपेसिटी होगी जो प्रेजेंट में मौजूद कलवारी क्लास सबमरीन से दोगुनी होगी।

ब्राज़ील बेसलाइन स्कॉर्पीन-क्लास सबमरीन डिज़ाइन का यूज़ कर रहा है और इसका इस्तेमाल उसने न्यूक्लियर अटैक सबमरीन डेवलप करने के लिए किया है जिसमें 8000 टन से भी ज्यादा की डिस्प्लेसमेंट कैपेसिटी है जो इस बात को कन्फर्म करता है कि स्कॉर्पीन-क्लास सबमरीन डिज़ाइन स्केलेबल है जिसे बड़ी सबमरीन में ट्रांसफॉर्म किया जा सकता है।

फ्रांस ने भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट -75I के तहत शुरुआत में स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन डिजाइन का ऑफर दिया था, लेकिन बाद में SMX 3.0 कांसेप्ट की पेशकश की जिसमें 3,000 टन की डिस्प्लेसमेंट कैपेसिटी है और जिसे बाद में भारतीय नौसेना की जरूरतों के अनुसार बढाया जा सकेगा।

नौसेना ने सुपर कलवरी प्रोजेक्ट के बारे में पुष्टि नहीं की है और न ही यह कन्फर्म किया है कि क्या यह सबमरीन प्रोजेक्ट -75 I या प्रोजेक्ट -76 के तहत बनायीं जाएँगी, लेकिन हाल ही में लिथियम-आयन बैटरी सिस्टम, 5MW इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन मोटर को डेवलप करने और एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम की सक्सेसफुल ट्रायल्स के साथ भारत, निकट भविष्य में अपनी खुद की लोकली डेवलप डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन बनाने की ओर आगे बढ़ रहा है।

5TH और 6TH जनरेशन स्टेल्थ फाइटर्स के डेवलपमेंट के लिए भारत को क्यों जरुरत है प्राइवेट सेक्टर की?

यह देखते हुए कि सेना और वायु सेना को नियंत्रण रेखा और एलएसी में लगातार टकराव का सामना करना पड़ रहा है, AMCA फाइटर जेट्स सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इसके अलावा, यह स्पष्ट है कि चीन चुपके चुपके अपने फाइटर जेट्स को आधुनिक बना रहा है, उनमें नए फीचर्स ऐड कर रहा है, जिनका इस्तेमाल वो आखिरकार भारत पर ही करेगा, यही वजह है चीन इतनी सीक्रेसी मेन्टेन कर रहा है

एक बार, AMCA की टेक्नोलॉजी डेवलप और मेच्योर हो गई है, तो  भारत के स्टेल्थ फाइटर जेट्स चीनी फाइटर जेट्स से कहीं ज्यादा एडवांस्ड और बेहतर होंगे जो वेस्टर्न फाइटर जेट्स को भी कड़ी टक्कर देंगे। TEJAS को डेवलप करने दौरान मिली लर्निंग और एक्सपीरियंस भारत को AMCA फाइटर जेट्स को तेज़ी से डेवलप करने में मददगार होगी।

हालाँकि, AMCA को डेवलप करने के लिए सरकार को एरोनौटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ADA के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी शामिल करना चाहिए ताकि स्टेल्थ फाइटर जेट्स के डेवलपमेंट और प्रोडक्शन के लिए एक कोम्प्रीहेन्सिव इकोसिस्टम डेवलप किया जा सके। अदरवाइज, डेवलपमेंट से लेकर डिप्लॉयमेंट यानि तैनाती में इतना वक़्त लगता है की इसका भी हाल TEJAS जेसा हो जायेगा, जो 1993 से अब 2021 में भी पूरी तरह से तैनात नहीं किये जा सकें हैं।

वहीँ दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर में टाइम डिले ना के बराबर है, उदाहरण के तौर पर K9-Vajra होविटज़र जिसे L & T ने डिजाईन और डेवलप किया है,  इन्हें समय से पहले सेना को डिलीवर किया जा चूका है, जो की  सशस्त्र बलों के लिए स्पष्ट रूप से एक अभूतपूर्व घटना है। टाटा ग्रुप, भारत फोर्ज कल्याणी, SSS डिफेन्स इस सेक्टर के अन्य प्रमुख खिलाड़ी हैं। जिन्हें एडवांस्ड फाइटर जेट डेवलपमेंट में भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए अगर हम बिना किसी डिले के अपने डिफेन्स फोर्सेज को एडवांस्ड डिफेन्स इक्विपमेंट प्रोवाइड करना चाहते हैं।

चीन को लग सकता है एक और झटका फ्रांस ज्वाइन कर सकता है इंडियन ओसियन इनिशिएटिव

फ्रांस के मंत्री चार दिनों की यात्रा के लिए भारत आएंगे, इस दौरान वह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।

इंडो-पैसिफिक दोनों मंत्रियों के बीच डिस्कशन का मेन फोकस होगा जिसके बाद हो सकता है फ्रांस के मंत्री ड्रियन पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई इंडो-पैसिफिक ओसियंस इनिशिएटिव में शामिल होने की घोषणा भी कर दें।

भारत, फ्रांस, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं से संबंधित मुल्टीलेटरल मेरीटाइम एक्सरसाइज ला पेरूस पिछले सप्ताह समाप्त हुआ है। वहीँ बाइलेटरल वरुणा एक्सरसाइज अगले दो सप्ताह में आर्गेनाइज किया जा सकता है जिसमें फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट केरियर भी हिस्सा लेने वाला है।

मीटिंग के दौरान एक और प्राथमिकता 2021 में मुल्टी-लेटरलिस्म की रक्षा, वैक्सीन की यूनिवर्सल एक्सेस, UNSC में भारत को सपोर्ट और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों के साथ साथ न्यूक्लियर सिविल कोपरेसन पर भी बातचीत हो सकती है।

फ्रांसीसी मंत्री और जयशंकर म्यांमार, ईरान और अफगानिस्तान में पीस प्रोसेस सहित मुख्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

IAC-2 Soon, Akash Prime Test, Tapas user evaluation trials

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