रूसी S-400 के बाद, भारत स्टारस्ट्रीक एयर डिफेंस सिस्टम को हासिल करने के लिए यूके के साथ डील कर सकता है

रूसी S-400 के बाद, भारत स्टारस्ट्रीक एयर डिफेंस सिस्टम को हासिल करने के लिए यूके के साथ डील कर सकता है

भारतीय सेना ने स्टारस्ट्रीक एयर डिफेंस सिस्टम को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए ब्रिटिश कंपनी थेल्स और भारत की भारत डायनामिक्स ने मिसाइल डिफेन्स सिस्टम से जुडी एक डील साइन की है।  

थेल्स ने एक बयान में कहा है कि यह डील भारत डायनामिक्स को स्टारस्ट्रीक मिसाइल सिस्टम की ग्लोबल सप्लाई चैन का हिस्सा बनाता है। भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स के अंडर आने वाली भारत डायनामिक्स कंपनी सिस्टम के मौजूदा ग्राहकों को भारतीय-निर्मित कंपोनेंट्स का एक्सपोर्ट करेगी, जिसमें ब्रिटिश आर्म्ड फोर्सेज भी शामिल हैं।

दोनों देशों के सरकारी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनों कंपनियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यूके के रक्षा मंत्री जेरेमी क्विन ने कहा: "यूके और भारत के बीच सहयोग बहुत तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है जिसमे डिफेन्स इक्विपमेंट प्रोग्राम और सिस्टम्स भी शामिल हैं"।

इस डील के साइन किये जानें के साथ ब्रिटेन और भारत के बीच भारतीय सेना के लिए नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल सिस्टम के लिये एक मज़बूत पार्टनरशिप की शुरुआत हो गयी है।

यह समझौता भारत के आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है जिसमें थेल्स भारत डायनेमिक्स के साथ मिलकर भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' प्रोग्रम के अन्दर स्टारस्ट्रीक मिसाइल सिस्टम बनाने के लिये तैयार हो गया है। यह सिस्टम, भारतीय सेना और वायु सेना की एयर डिफेन्स जरूरतों को पूरा करेगी, जिसमें 60% निर्माण भारत में ही किया जायेगा।

स्टारस्ट्रीक हाई-वेलोसिटी मिसाइल पारंपरिक एरियल खतरों जैसे फिक्स्ड-विंग फाइटर्स और लेट अनमास्किंग हेलिकॉप्टर टारगेट्स के खिलाफ क्लोज एयर डिफेन्स प्रदान करेगी। यह लॉन्च के बाद मैश 4 से अधिक की रफ्तार पकड़ लेती है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेज कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल यानि सरफेस टू एयर मिसाइल बन जाती है।

यह मिसाइल सिस्टम ब्रिटिश आर्मी को अपनी सेवाएं देती रही है जो अपनी थ्री लेजर-गाइडेड डार्ट्स की वजह से यूनिक है, जिसे किसी भी काउंटर-मेजर तकनीक द्वारा जाम नहीं किया जा सकता। यह किसी भी एरियल टारगेट्स को ध्वस्त कर सकती है।

हाई वेलोसिटी वाली इस मिसाइल को आटोमेटिक फायर कण्ट्रोल सिस्टम या स्टारस्ट्रीक लाइटवेट मल्टीपल लॉन्चर, नेक्स्ट जेनरेशन (LML NG) से, हलके प्लेटफॉर्म्स के ज़रिये ज़मीन, समुद्र और एरियल प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। 

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